शनिवार, 2 फ़रवरी 2013

हिन्दी साहित्य संगम की कवि गोष्ठी

हिन्दी साहित्य संगम की कवि गोष्ठी
                                      दिनाँक 6 जनवरी, 2013 को हिन्दी साहित्य संगम की ओर से आकाँक्षा विद्यापीठ मिलन विहार, मुरादाबाद में कवि-गोष्ठी आयोजित की गयी। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके की गई। इसके बाद रचनाकारों ने काव्यपाठ किया।
रामसिंह नि:शंक
मूलचन्द राज ने                 "अब तो यारो करनी होगी, क्रान्ति युद्ध की तैयारी।
                                         मैं बारूदी गीत लिखूँगा, तुम दिखलाना चिंगारी॥"
ओमकार सिंह ओंकार ने   "जीवन में बड़ी उलझने हैं, बात करें सुलझाने की।
                                        संयुक्त युक्ति भी निकलेगी, जग से संताप मिटाने की॥" 
उदय अस्त ने                   "बुझा हुआ सा सत्य है, झूठ रहा मुस्काय।
                                        घोटाले लगने लगे, जीवन का पर्याय॥"
 अम्बरीश गर्ग ने              "धुंध से सब कुन्द है, कोहरे का कोहराम है।
                                        सूर्य देवता नहीं दिखे, उनका तो विश्राम है॥" रचनाएँ पढ़ी। 
कार्यक्रम मे विकास मुरादाबादी, रामसिंह नि:शंक, मनोज मनु, अंकित गुप्ता अंक, रामदत्त द्विवेदी, जितेन्द्र कुमार जौली आदि ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री अम्बरीश गर्ग ने की। मुख्य अतिथि रघुराज सिंह निश्चल तथा विशिष्ट अतिथि योगेन्द्रपाल सिंह विश्नोई रहे। कार्यक्रम का संचालन योगेन्द्र वर्मा व्योम ने किया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें