गुरुवार, 23 मई 2013

 खिल भारतीय साहित्य एवं संस्कृति संस्थान ने किया 'समानांतर' का लोकार्पण

                           दिनाँक 19 मई, 2012 को अखिल भारतीय साहित्य एवं संस्कृति संस्थान द्वारा मानसरोवर कन्या इण्टर कॉलेज, नवीन नगर मुरादाबाद में लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत माँ शारदे के चित्र पर मार्ल्यापण एवं विरेन्द्र सिंह ब्रजवासी द्वारा सरस्वती वन्दना प्रस्तुत करके की गई।
लोकार्पण करते हुए  कमलेश भट्ट कमल, मधुवाला सक्सेना, माहेश्वर तिवारी
                           इस अवसर पर राजीव सक्सेना के आलोचनात्मक ग्रन्थ 'समानान्तर' का लोकार्पण किया गया। समानांतर मे राजीव सक्सेना द्वारा मुरादाबाद के 14 रचनाकारों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया है। कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने समानांतर पर प्रकाश डाला तथा कहा कि यह कृति शोधकर्ताओं के लिए सहायक सिद्ध होगी।
                          कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. मधुवाला सक्सेना (रीडर, अंग्रेजी विभाग, एम.एच.डिग्री कॉलेज, मुरादाबाद) ने की। मुख्य अतिथि श्री कमलेश भट्ट कमल (ज्वाइंट कमिश्नर, सेल्स टैक्स/प्रसिद्ध साहित्यकार बुलन्दशहर) तथा विशिष्ट अतिथि श्री माहेश्वर तिवारी (प्रसिद नवगीतकार) रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री अशोक विश्नोई ने की तथा आभार शिशुपाल मधुकर ने व्यक्त किया।
                         कार्यक्रम मे कृष्ण कुमार नाज़, जितेन्द्र कुमार जौली, राजीव सक्सेना, अवनीश चौहान, रामदत्त द्विवेदी, रामसिंह निःशंक, योगेन्द्र वर्मा व्योम, यू0पी0 सक्सेना, सतीश सार्थक, विवेक निर्मल, रघुराज सिंह निश्चल, अंकित गुप्ता अंक आदि उपस्थित रहे।

रशुराम नया कबीर की कृति 'परशु प्रज्ञा-7' का विमोचन

                                दिनाँक 14 मई, 2013 को राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति के तत्वावधान में परशुराम नया कबीर की कृति 'परशु प्रज्ञा-7' का विमोचन जम्भेश्वर विश्नोई धर्मशाला, लाइनपार, मुरादाबाद में किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत माँ शारदे के चित्र पर मार्ल्यापण करके की गई। इसके बाद राम सिंह नि:शंक द्वारा सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की गयी।
                               कार्यक्रम में  रामदत्त द्विवेदी, योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई, रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ, अशोक विश्नोई, अम्बरीष गर्ग, रामसिंह नि:शंक, के॰पी॰ सिंह सरल, रघुराज सिंह निश्चल, कृपाल सिंह धीमान, उदय प्रकाश सक्सेना अस्त, मीना नक़वी, डा. ओमराज आदि ने काव्यपाठ किया तथा कृति के विषय में अपने विचार प्रस्तुत किये। 
                               कार्यक्रम की अध्यक्षता ऊदल सिंह ने की। मुख्य अतिथि अशोक विश्नोई रहे। संचालन रामसिंह निःशंक ने किया।

साक्षात्कार संग्रह 'बात बोलेगी' का लोकार्पण

                            
                  दिनाँक 12 मई, 2013 को मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था अक्षरा के तत्वावधान में योगेन्द्र वर्मा व्योम द्वारा लिए गये साक्षात्कारों के संग्रह 'बात बोलेगी' का लोकार्पण नवीन नगर स्थित मानसरोवर कन्या इण्टर कॉलेज, मुरादाबाद में किया गया।
पुस्तक का लोकार्पण करते माहेश्वर तिवारी, मंसूर उस्मानी, राजीव सक्सेना एवं डा. ओमराज
                               कार्यक्रम की शुरूआत माँ शारदे के चित्र पर मार्ल्यापण करके की गई। इसके बाद अजय अनुपम द्वारा सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की गयी। साक्षात्कार संग्रह में गीत नवगीत और ग़ज़ल को ध्यान में रखकर प्रश्न किये गये हैं। इस अवसर पर वक्ताओं ने कृति पर अपने विचार व्यक्त किये एवं कृति को शोध की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण बताया।
                               कार्यक्रम में  जितेन्द्र कुमार जौली, राजीव सक्सेना , रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ, अशोक विश्नोई, अम्बरीष गर्ग, रामसिंह नि:शंक, अंशु भैया, जिया जमीर, शिव अवतार सरस, रघुराज सिंह निश्चल, शिशुपाल मधुकर, शचीन्द्र भटनागर, ओंकार सिंह, उदय प्रकाश सक्सेना अस्त आदि उपस्थित रहे।
                               कार्यक्रम की अध्यक्षता माहेश्वर तिवारी ने की। मुख्य अतिथि मंसूर उस्मानी तथा विशिष्ट अतिथि राजीव सक्सेना एवं डा. ओमराज रहे। संचालन कृष्ण कुमार नाज़ ने किया।


श्री परवाना कुहाड़िया

 परिचय-श्री परवाना कुहाड़िया
श्री परवाना कुहाड़िया

जन्मतिथि : 10 जनवरी, 1971 ई0
जन्मस्थान : बागपत (उ0प्र0)
पिता : श्री ईश्वर सिंह कुहाड़िया
माता : श्रीमती करतारी देवी
शिक्षा : बी.एस.सी., बी.एड.
लेखन कार्य : 1985ई0 से निरन्तर
लेखन की विधाएँ : मुक्तक, हास्य व्यंग्य, गीत, हास्य कविताएँ आदि
प्रकाशन : अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित
संप्रति : सेवारत शिक्षक
पुरस्कार तथा सम्मान : अनेक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित
पता : एच.आई.जी.-ए. 163, आशियाना फेस प्रथम, कांठ रोड, मुरादाबाद (उ0प्र0)
सम्पर्क सूत्र : 9927585538, 9927222793
PRAWANA KUHADIA
 कन्या भ्रूण हत्या रोकने का संदेश देगी वी.सी.डी. फिल्म 'मैं भी जीना चाहती हूँ

                        श्री गणपति सिने विज़न एक कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए एक संदेशात्मक वी.सी.डी. फिल्म 'मैं भी जीना चाहती हूँ का निर्माण करने जा रहा है। जिसकी घोषणा दिनाँक 21 अप्रैल, 2011 को एप्टीट्यूट ट्यूटोरीयल मुरादाबाद में आयोजित एक बैठक में फिल्म के निर्देशक अशोक विश्नोई एवं निर्माता डा. राकेश जैसवाल ने की। उन्होने यह भी कहा कि यह फिल्म समाज को एक नई दिशा देगी तथा कन्या भ्रूण हत्या को रोकने की प्रेरणा प्रदान करेगी।
फिल्म 'मैं भी जीना चाहती हूँ' के बारे में बताते हुए अशोक विश्नोई
                        फिल्म की कहानी, पटकथा एवं संवाद डा. राकेश जैसवाल ने लिखे हैं, गीत वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी के है। सह निर्देशक शिशुपाल मधुकर, सहायक कुंवरपाल, कैमरामैन नज़ाकत हुसैन, प्रबन्ध निदेशक के.के. कौशल मुख्य रूप से हैं।
                       बैठक में जितेन्द्र कुमार जौली, रवि चतुर्वेदी, आर.पी. चक्रवर्ती, के.के.कौशल, शिशुपाल मधुकर आदि उपस्थित रहे। अध्यक्षता अशोक विश्नोई ने की। मुख्य अतिथि संजीव आकाँक्षी रहे एवं संचालन राकेश जैसवाल ने किया।



बुधवार, 22 मई 2013

हिन्दी साहित्य संगम की कवि गोष्ठी में हुई शब्द संसार पर चर्चा

 हिन्दी साहित्य संगम की कवि गोष्ठी में हुई शब्द संसार पर चर्चा

दैनिक विधान केसरी  के साहित्यिक परिशिष्ट 'शब्द संसार' का लोकार्पण
                           दिनाँक 5 मई, 2013 को हिन्दी साहित्य संगम की ओर से मिलन धर्मशाला, मिलन विहार, मुरादाबाद में मासिक कवि-गोष्ठी का आयोजन किया गया।
                           कार्यक्रम की शुरुआत माँ शारदे के चित्र पर माल्यार्पण करके की गई। इसके बाद दैनिक विधान केसरी द्वारा प्रारम्भ किये गये साहित्यिक परिशिष्ट 'शब्द संसार' का लोकार्पण किया गया। रचनाकारों विधान केसरी परिवार को परिशिष्ट प्रारम्भ करने हेतु बधाई दी एवं धन्यवाद दिया।
                           कार्यक्रम मे अशोक विश्नोई, विकास मुरादाबादी, डा. अवनीश सिंह चौहान, रघुराज सिंह निश्चल, रामदत्त द्विवेदी, जितेन्द्र कुमार जौली, यशपाल सिंह खामोश, योगेन्द्र कुमार चमन, ओंकार सिंह ओंकार, ब्रजभूषण सिंह गौतम अनुराग, के॰पी॰ सिंह सरल आदि ने काव्यपाठ किया।
                          कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री अशोक विश्नोई ने की। मुख्य अतिथि अवनीश सिंह चौहान रहे। कार्यक्रम का संचालन जितेन्द्र कुमार जौली ने किया एवं सरस्वती वन्दना यशपाल सिंह खामोश ने प्रस्तुत की।