मंगलवार, 13 मार्च 2012

जितेन्द्र कुमार जौली को किया जायेगा सम्मानित

जितेन्द्र कुमार जौली को किया जायेगा सम्मानित
जितेन्द्र कुमार जौली
                                             

                                     राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति की गायत्री प्रज्ञा पीठ मुरादाबाद में हुई बैठक में मुरादाबाद के युवा रचनाकार जितेन्द्र कुमार जौली को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया। बैठक मे संस्था के अध्यक्ष अम्बरीश गर्ग ने बताया कि जितेन्द्र कुमार जौली मुरादाबाद के सबसे सक्रिय युवा रचनाकार हैं। उन्होने अपनी रचनाओँ और लेखों के द्वारा समाज में जागृति लाने का प्रयास किया है।
                                           
                                      जितेन्द्र कुमार जौली साहित्य के साथ समाज सेवा में भी तत्पर रहते हैं तथा मुरादाबाद की एक दर्जन से अधिक साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं के सक्रिय सदस्य हैं। जितेन्द्र कुमार जौली को 14 मार्च 2012 को शाम 5 बजे गायत्री प्रज्ञा पीठ मुरादाबाद में सम्मानित किया जायेगा।

सोमवार, 12 मार्च 2012

परमार्थ का होली मिलन समारोह

परमार्थ का होली मिलन समारोह

                          10 मार्च, 2012 को मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था परमार्थ की ओर से होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र के सामने दीप प्रज्जवलित करके की गयी।
कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकारों ने एक दूसरे को माथे पर गुलाल से तिलक करके होली की शुमकामनाएँ दीं तथा फूलों से होली खेली। इस अवसर पर रचनाकारों ने कविताएँ भी पढ़ी जिन्हे सुनकर श्रोता मन्त्र मुग्ध हो गये।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रजभूषण सिंह गौतम अनुराग ने की। मुख्य अतिथि माहेश्वर तिवारी तथा विशिष्ट अतिथि महेश दिवाकर एवं शचीन्द्र भटनागर रहे। संचालन योगेन्द्र वर्मा व्योम तथा आभार विवेक निर्मल ने व्यक्त किया।
                            इस अवसर पर मीना नक़वी, अशोक विश्नोई, कृष्ण कुमार नाज़, शिशुपाल मधुकर, प्रेमवती उपाध्याय, अवनीश चौहान, मूलचन्द राज, रवि चतुर्वेदी, अजय अनुपम, मनोज मनु ने काव्यपाठ किया।

रविवार, 4 मार्च 2012

हिन्दी साहित्य संगम की कवि गोष्ठी


कविता की पिचकारी से बरसा रंग

                           4 मार्च, 2012 को हिन्दी साहित्य संगम की ओर से गायत्री प्रज्ञा पीठ लाईनपार मुरादाबाद में होली पर कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके की गयी।
                            इस अवसर पर कवियोँ ने होली एवं सामाजिक समस्याओं से सम्बन्धित कविताओँ द्वारा काव्य रस की बौछार की।
कार्यक्रम अध्यक्ष- डॉ0ओमाचार्य
मुख्य अतिथि- डॉ0 रमेश कृष्ण
विशिष्ट अतिथि- श्री अशोक विश्नोई
सरस्वती वन्दना- रामसिंह निःशंक
संचालन- जितेन्द्र कुमार जौली,
 योगेन्द्र वर्मा व्योम ने, "गुझिया पिचकारी लड़े, होगी किसकी जीत। एक कह रही है गज़ल, एक लिख रही गीत॥" शिव अवतार सरस ने, "पुराने गिले शिकवे, मिटा दो यार होली में। गले लगाकर मिलो सबसे, लुटा दो प्यार होली में॥" रवि चतुर्वेदी ने,"सड़को से संसद तक जितने खद्दरधारी हैं। नेता तो होते थे पहले अब केवल भ्रष्टाचारी है॥"अम्बरीश गर्ग ने,"नीबू ये कहने लगा, यार मुझे अब छोड़। जो कोई मुझसे मिला, मुझको लिया निचोड़॥" सुनाई।
                         गोष्ठी मे मीना नक़वी, माधव शर्मा, नकुल त्यागी, विकास मुरादाबादी, रामदत्त द्विवेदी, दयाराम पुरुषार्थी आदि ने काव्यपाठ किया।

शनिवार, 3 मार्च 2012

आमन्त्रण पत्र

आमन्त्रण पत्र
मान्यवर,
4 मार्च, 2012 को शाम 5 बजे हिन्दी साहित्य संगम की ओर से गायत्री प्रज्ञा पीठ लाईनपार मुरादाबाद में
  मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। कार्यक्रम मेँ आप सादर आमन्त्रित हैं ।
                                                                                                                       -जितेन्द्र कुमार जौली

गुरुवार, 1 मार्च 2012

गीत-घोड़े गधे महान हुए हैं

घोड़े गधे महान हुए हैं

अंग्रेजी अमृत के देखो,
जग में कितने मान हुए हैं।
इसका सेवन कर लेने से,
घोड़े गधे महान हुए हैं॥

होली पर दारू की बन्दी,
कितनी अच्छी है सरकार।
फिर भी जनता झूम रही है,
कहिये क्या हो बरखुरदार॥

दो दिन पहले सस्ती करके,
लोगों पर एहसान हुए हैं।
इसका सेवन कर लेने से,
घोड़े गधे महान हुए हैं॥

पिचकारी को लिए हाथ में,
गिरते पड़ते भाग चले हैं।
नहीं शब्द का मेल जुबां से,
कटवाने को नाक चले हैं।

पी पीकर के हरे भरे से,
भीतर से शमशान हुए हैं।
इसका सेवन कर लेने से,
घोड़े गधे महान हुए हैं॥

होली के पावन अवसर पर,
पिचकारी सी पिचकी सूरत।
एक बोतल के बाद और फिर,
किसी चीज की नहीं जरूरत॥

अस्त व्यस्त से होकर देखो,
खटिया के मेहमान हुए हैं।
इसका सेवन कर लेने से,
घोड़े गधे महान हुए हैं॥

-कुलदीप शर्मा,
श्योराजपुर, बहजोई,
भीमनगर उ0प्र0।

गज़ल-अंकित गुप्ता 'अंक'

गज़ल

अंकित गुप्ता 'अंक'
सच कहो तुम मुझे भुला दोगे।
इस कदर क्या मुझे सजा
दोगे॥
हमने मिलकर जो घर बनाया था।
अपने हाथों से ही जला दोगे॥

हमने मिलकर किये थे जो वादे।
क्या उन्हें खाक मे मिला दोगे॥

तौहमतें हमपे सब लगाऐंगे।
आग को ग़र तुम्हीं हवा दोगे॥

जिसको दरकार हो दुआ की ही।
कौन सी तुम उसे दवा दोगे॥

जिक्र महफिल में जब मेरा होगा।
शर्तिया तुम नजर झुका लोगे॥

खैर अब क्या गिला करूँ तुमसे।
'अंक' अब गौर तुम कहाँ दोगे॥

-अंकित गुप्ता 'अंक'
लाइनपार, मुरादाबाद।