घोड़े गधे महान हुए हैं
अंग्रेजी अमृत के देखो,
जग में कितने मान हुए हैं।
इसका सेवन कर लेने से,
घोड़े गधे महान हुए हैं॥
होली पर दारू की बन्दी,
कितनी अच्छी है सरकार।
फिर भी जनता झूम रही है,
कहिये क्या हो बरखुरदार॥
दो दिन पहले सस्ती करके,
लोगों पर एहसान हुए हैं।
इसका सेवन कर लेने से,
घोड़े गधे महान हुए हैं॥
पिचकारी को लिए हाथ में,
गिरते पड़ते भाग चले हैं।
नहीं शब्द का मेल जुबां से,
कटवाने को नाक चले हैं।
पी पीकर के हरे भरे से,
भीतर से शमशान हुए हैं।
इसका सेवन कर लेने से,
घोड़े गधे महान हुए हैं॥
होली के पावन अवसर पर,
पिचकारी सी पिचकी सूरत।
एक बोतल के बाद और फिर,
किसी चीज की नहीं जरूरत॥
अस्त व्यस्त से होकर देखो,
खटिया के मेहमान हुए हैं।
इसका सेवन कर लेने से,
घोड़े गधे महान हुए हैं॥
-कुलदीप शर्मा,
श्योराजपुर, बहजोई,
भीमनगर उ0प्र0।
सुन्दर और सार्थक सृजन, बधाई.
जवाब देंहटाएंआपका मेरे ब्लॉग meri kavitayen की नवीनतम प्रविष्टि पर स्वागत है.
जनता ममहँगाई से लदी हुई
जवाब देंहटाएंघोड़े गधे तो बोझ से लदे हुए
कौन करता है फ़िक्र किसी अब
बेईमान नेता अब महान हुए