गुरुवार, 16 अगस्त 2012

श्री ज़िया ज़मीर

परिचय- श्री ज़िया ज़मीर
श्री ज़िया ज़मीर

जन्मतिथि : 7 जुलाई, 1977 ई.
जन्मस्थान : साहरनपुर (उ.प्र.)
पिता का नाम : श्री ज़मीर दरवेश (मशहूर शायर)
माता का नाम : श्रीमती मेराज ख़ातून 
पत्नी का नाम : श्रीमती तसर्रुफ ज़िया 
शिक्षा : एम.एस-सी, एल. एल. बी.,एम.ए.(उर्दू) 
अभिरूचि (हॉबी) : शायरी, स्कैचिंग 
लेखन कार्य : 2001 ई0 से निरन्तर
लेखन की विधाएँ : नात, ग़ज़ल, नज़्म, दोहा, माहिया, कहानी, समीक्षा एवं आलोचनात्मक लेख। 
प्रकाशन : ख़्वाब ख़्वाब लम्हे (ग़ज़लें) 2010, दिल मदीने में है (ना'तें) 2014, अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित
सम्पादन : उरूज (प्रकाशाधीन)
संप्रति : कर अधिवक्ता
पुरस्कार तथा सम्मान : बिहार उर्दू अकादमी सम्मान, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी सम्मान, हम्दो ना'त फाउंडेशन सम्मान सहित अनेक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित
सम्बद्धता : अध्यक्ष - उरूज कल्चरल फाउंडेशन मुरादाबाद, सचिव - जिगर मुरादाबादी फाउंडेशन मुरादाबाद। 
पता : ई-13/1,लक्ष्मी विहार, हिमगिरी कालोनी, कांठ रोड, मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश)
सम्पर्क सूत्र : 08755681225
ई-मेल : ziazameer2012@gmail.com
फेसबुक प्रोफाइल : www.facebook.com/ziazamir
twitter प्रोफाइल : www.twitter.com/ ziazameer1977



Updated on 29 June, 2017

ग़ज़ल

जर्द पत्ते थे हमें और क्या कर जाना था
तेज आंधी थी मुक़ाबिल सो बिखर जाना था।

वो भी जब तरके-ताल्लुक पे पशेमान न था
तुमको भी चाहिए यह था कि मुकर जाना था।

क्यूँ भला कच्चे मकानों का तुम्हें आया ख्याल
तुम तो दरिया थे तुम्हे तेज गुजर जाना था।

हम कि हैं क़ाफला सालारों के मारे हुए लोग
आज भी यह नहीं मालूम किधर जाना था।

इश्क में सोच समझकर नहीं चलते साँई
जिस तरफ उसने बुलाया था उधर जाना था।

क्या खबर थी कि यहाँ मेरी जरूरत होगी
हमने तो बस दर-ओ-दीवार को घर जाना था।

ऐसी हसरत थी सफर की कि 'जिया' मंजिल को
हमनें मंजिल नही जाना था, सफर जाना था।
-ज़िया ज़मीर,
जेड बुक डिपो, चौकी हसन खाँ
 मुरादाबाद (उ0प्र0)

ZIA ZAMEER

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