बुधवार, 20 जून 2012

सतीश सार्थक की काव्य कृति 'प्रेम की सरिता' का लोकार्पण

सतीश सार्थक की काव्य कृति 'प्रेम की सरिता' का लोकार्पण

सतीश सार्थक की काव्य कृति 'प्रेम की सरिता' का लोकार्पण
                              14 जून, 2012 को रेलवे हरथला कालोनी स्थित श्री सनातन धर्म शिव वरदान मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में साहित्यकार सतीश सार्थक द्वारा रचित काव्य कृति प्रेम की सरिता का विमोचन किया गया। कार्यक्रम की शुरुवात माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही माल्यार्पण कर हुई। माँ सरस्वती की वंदना राजदीप रुहेला द्वारा प्रस्तुत की गई।
                              कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. महेश दिवाकर ने की। राजीव सक्सेना, अजय कुमार जौहरी एवं मक्खन मुरादाबादी बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद थे। अपने संबोधन में अतिथियों ने तृतीय काव्य संग्रह के लेखक सतीश सार्थक को बधाई देते हुए कहा कि साहित्यिक गतिविधियों को गति प्रदान करते रहना सहज नहीं है, ऐसे में सार्थक की यह प्रेम की सरिता निश्चित ही सार्थक है।  इस अवसर पर डॉ. महेश दिवाकर ने कहा कि प्रेम को केंद्र में रखकर मुरादाबाद में बहुत ही कम काव्य कृतियाँ प्रकाशित हुईं हैं; ऐसे में यह कृति स्वागत योग्य है। राजीव सक्सेना ने कहा कि यह कृति अपने आप में महत्वपूर्ण है। अवनीश सिंह चौहान ने कहा कि काव्य कृति 'प्रेम की सरिता' गोमुख से निकलकर सागर में विलीन होने तक की दास्ताँ प्रस्तुत करती है।
                             विमोचन के साथ ही कविता पाठ भी हुआ, जिसमें उपस्थित रचनाकारों ने रचना पाठ कर माहौल को काव्यमय बना दिया। इस अवसर पर माधव शर्मा, अतुल जौहरी, विकास मुरादाबादी, रघुराज सिंह निश्चल, योगेन्द्र वर्मा 'व्योम', रामदत्त द्विवेदी, परवाना कुल्हाड़िया, हाशिम हसन, हरी प्रकाश सक्सेना, शिव अवतार सरस आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन अशोक विश्नोई एवं कृष्ण कुमार नाज़ ने संयुक्त रूप से किया।

सोमवार, 18 जून 2012

अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में भाग लेंगे डॉ0 महेश दिवाकर व डॉ0 मीना कॉल

अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में भाग लेंगे डॉ0 महेश दिवाकर व डॉ0 मीना कॉल

डॉ0 महेश दिवाकर
डॉ0 मीना कॉल
                               मुरादाबाद का साहित्य एवं साहित्यकार नित नई बुलन्दियो को छूते जा रहे हैं। 24 जून से ताशकन्द में आयोजित होने जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में मुरादाबाद शिक्षाविद्‌ व साहित्यकार डॉ0 महेश दिवाकर एवं डॉ0 मीना कॉल शिरकत करेंगे।
                               डॉ0 महेश दिवाकर इस समय गुलाव सिंह हिन्दू महाविद्यालय चाँदपुर स्याऊ में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष एवं एसोसिएट प्रोफेसर हैं तथा डॉ0 मीना कॉल महाराजा हरिश्चन्द्र पी0 जी0 कॉलेज मे हिन्दी विभाग की अध्यक्ष हैं। सम्मेलन में दोनो के द्वारा हिन्दी विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किये जाएंगे। इस उपलब्धि पर मुरादाबाद की अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा हर्ष व्यक्त किया गया है तथा दोनो प्रतिभागियों को बधाई दी गई।

शनिवार, 16 जून 2012

राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति की मासिक कवि-गोष्ठी

राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति की मासिक कवि-गोष्ठी

                  14 जून, 2012 को राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति की ओर से जम्भेश्वर विश्नोई धर्मशाला लाईनपार मुरादाबाद मे मासिक कवि-गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके की गयी।
इस अवसर पर कवियो ने चुनाव तथा भाईचारे की भावना से ओतप्रोत एवं समाज के वर्तमान परिपेक्ष्य से सम्बन्धित कविताओँ द्वारा अपने हृदय के उद्गार व्यक्त किये। 24 जून को ताशकन्द में आयोजित होने जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन मे मुरादाबाद से शिरकत करने वाले साहित्यकार डॉ0 महेश दिवाकर एवं डॉ0 मीना कॉल को बधाई दी गई। 
                  कार्यक्रम की अध्यक्षता रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ ने की। मुख्य अतिथि डॉ0 महेश दिवाकर, विशिष्ट अतिथि डॉ0 मीना कॉल तथा अति विशिष्ट अतिथि ओमकार सिंह ओंकार रहे। सरस्वती वन्दना रामसिंह निःशंक तथा संचालन अम्बरीष गर्ग ने किया।
                 गोष्ठी मे जितेन्द्र कुमार जौली, योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई, पुष्पेन्द्र वर्णवाल, अशोक विश्नोई, यूपी सक्सेना अस्त, राकेश चक्र, मनोज वर्मा मनु, योगेन्द्र वर्मा व्योम आदि ने काव्यपाठ किया।


मुरादाबाद में हिन्दी भवन बनवाने की मांग की

मुरादाबाद में हिन्दी भवन बनवाने की मांग की
                              
                            दिनाँक 7 जून, 2012 को मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था परमार्थ की ओर से संस्था के नवीन नगर स्थित कार्यालय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
                               इस अवसर पर मुरादाबाद की अन्य प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थाओं संकेत, काव्य सुधा, अक्षरा, विप्रा, उत्कर्ष, राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, हिन्दी साहित्य संगम, काव्य संदेश आदि के प्रमुख सदस्यों ने भाग लिया। गोष्ठी मेँ उपस्थित साहित्यकारों ने मुरादाबाद मे हिन्दी भवन बनवाए जाने की मांग की। विवेक निर्मल का कहना था कि मुरादाबाद में कोई भी ऐसा स्थान नहीं है, जहाँ साहित्यकार अपना कोई कार्यक्रम कर सकें। अत: मुरादाबाद में हिन्दी भवन बनवाया जाए। हम सभी साहित्यकार वोट उसी मेयर को देंगे, जो हमारी समस्याओँ का समाधान करेगा। अशोक विश्नोई ने कहा कि साहित्यकार समाज को नई दिशा देने में समर्थ होता है। हमे खेद है कि महानगर के साहित्यकार सुविधाओं से वंचित हैं। समी साहित्यकारों ने मेयर चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही। गोष्ठी की अध्यक्षता विवेक निर्मल तथा संचालन अशोक विश्नोई ने किया।
                             गोष्ठी में रघुराज सिंह निश्चल, अम्बरीष गर्ग, डॉ0 प्रेमवती उपाध्याय, जितेन्द्र कुमार जौली, राजीव सक्सेना, विकास मुरादाबादी, रामदत्त द्विवेदी, अनन्द गौरव, योगेन्द्र वर्मा व्योम, यू0पी0 सक्सेना, सतीश सार्थक आदि उपस्थित रहे।

सोमवार, 4 जून 2012

हिन्दी साहित्य संगम की कवि गोष्ठी

हिन्दी साहित्य संगम की कवि गोष्ठी

हिन्दी साहित्य संगम की कवि गोष्ठी
                         दिनाँक 3 जून, 2012 ई0 को हिन्दी साहित्य संगम की ओर से गायत्री प्रज्ञा पीठ, मुरादाबाद में मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में रचनाकारों ने पर्यावरण, महंगाई, बेरोजगारी आदि विषयों पर रचनाएँ प्रस्तुत की।
                         कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके की गई। सरस्वती वन्दना अशोक विश्नोई द्वारा प्रस्तुत की गई।
                         कार्यक्रम मे विकास मुरादाबादी, रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ, शिवावतार सरस, शिशुपाल मधुकर, अंकित गुप्ता अंक, मनोज मनु, रामदत्त द्विवेदी, आचार्य रवि शास्त्री, के0के0 सक्सेना, रघुराज सिंह निश्चल, सत्यपाल सिंह सत्या, ओमकार सिंह ओंकार, योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई आदि ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई ने की। मुख्य अतिथि मीना नक़वी तथा विशिष्ट अतिथि अम्बरीष गर्ग रहे। संचालन जितेन्द्र कुमार जौली ने किया।


रविवार, 3 जून 2012

श्री राकेश 'चक्र'

परिचय- श्री राकेश 'चक्र'

वास्तविक नाम : राकेश कुमार गुप्ता
श्री राकेश 'चक्र'
जन्मतिथि : 14 नवम्बर, 1955 ई0
जन्म स्थान : साजाबाद, ताजपुर पोस्ट जलाली, जिला अलीगढ़ (उ0प्र0)
पिता का नाम : स्व0 श्री धीरजलाल
माता का नाम : स्व0 श्रीमती द्रोपदी देवी
पत्नी : श्रीमती रेनू
शिक्षा : एम0ए0 समाजशास्त्र, एल0एल0बी0, एक्यूप्रेशर एवं योग
संप्रति : उत्तर प्रदेश पुलिस अभिसूचना विभाग में सेवारत
लेखन कार्य : 1973 से निरन्तर
लेखन की विधाएँ : कविता, मुक्तक, कथा, लघुकथा, निबन्ध, छन्द एवं छन्दमुक्त रचनाएँ आदि
प्रकाशित कृतियाँ : चरवाहों का चक्रव्यूह, अमावस का अंधेरा, प्रेम की भाषा ही है हिन्दुस्तान, मेरी ग़ज़लें मेरा प्यार, मेरे देश की थाती, फैन, वृक्ष और बीज, एकता के साथ हम, आजादी के दीवाने, तीसरी माँ, वीर सुभाष, याद करेगा हिन्दुस्तान सहित दो दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित
सम्मान : अ0भा0 साहित्य कला मंच मुरादाबाद, साहित्य शारदा मंच खटीमा, जैमिनी अकादमी, साहित्य प्रभा देहरादून, बाल कल्याण साहित्य परिषद् कानपुर, वैचारिक क्रान्ति मंच लखनऊ माथुर वैश्य सभा मुरादाबाद सहित अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित
उपलब्धि : दूरदर्शन व आकाशवाणी प्रसारण, बाल साहित्य विद्यालयों के पाठ्यक्रमों में सम्मलित
विशेष रुचि : एक्यूप्रेशर पद्धति एवं प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा निश्काम सेवा
पता : 90 बी, शिवपुरी (डबल फाटक), मुरादाबाद (उ0प्र0)
सम्पर्क : 9456201857

बुद्धिनाथ मिश्र नवगीत साधक सम्मान से सम्मानित

बुद्धिनाथ मिश्र नवगीत साधक सम्मान से सम्मानित
बुद्धिनाथ मिश्र नवगीत साधक सम्मान से सम्मानित
                                
                      दिनाँक 31 मई, 2012 ई0 को मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था 'अक्षरा' की ओर से नवीन नगर स्थित मानसरोवर कन्या इण्टर कॉलेज मुरादाबाद में देहरादून के प्रसिद्ध नवगीतकार डॉ0 बुद्धिनाथ मिश्र को नवगीत साधक सम्मान से सम्मानित किया गया।
                       कार्यक्रम की शुरुआत माँ शारदे के चित्र पर माल्यार्पण करके की गई। सरस्वती वन्दना डॉ0 पूनम बंसल ने प्रस्तुत की।
                       सम्मान के उपरान्त कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में कवियों ने विभिन्न विषयों पर अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की तथा गीतों एवं नवगीतों के विषय में चर्चा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता माहेश्वर तिवारी ने की तथा मुख्य अतिथि ब्रजभूषण गौतम अनुराग रहे। कार्यक्रम का संचालन योगेन्द्र वर्मा व्योम ने किया।
                      शचीन्द्र भटनागर, मीना नक़वी, अजय अनुपम, विकास मुरादाबादी, शिव अवतार सरस, विवेक निर्मल, मनोज मनु, प्रेमवती उपाध्याय, अशोक विश्नोई, रामदत्त द्विवेदी, प्रतिष्ठा वर्मा आदि ने काव्यपाठ किया।