परिचय-श्री अंकित गुप्ता 'अंक'
पिता का नाम : श्री राजकुमार गुप्ता
माता का नाम : श्रीमती नीलम गुप्ता
शिक्षा : बी0एस0सी0, बी0एड0
भाषा ज्ञान : हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी
लेखन : सन् 2004 से
लेखन की विधाएँ : 1. हिन्दी एवं उर्दू -गीत, गज़ल, कहानी, उपन्यास।
2. अंग्रेजी-सोनेट, पोयम, शॉर्ट स्टोरी
प्रकाशन : अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित
उपलब्धि : मुरादाबाद शहर गान की रचना करना
सम्मान : हिन्दी साहित्य संगम द्वारा 'युवा साहित्य सृजन' सम्मान से सम्मानित
विशिष्ट : तत्कालीन राज्यपाल श्री विष्णु कान्त शास्त्री जी द्वारा स्काउटिंग मे सम्मानित
पता : सूर्यनगर, लाइनपार, मुरादाबाद (उ0प्र0)
सम्पर्क : 9759526650
गज़ल
सच कहो तुम मुझे भुला दोगे।
इस कदर क्या मुझे सजा दोगे॥
हमने मिलकर जो घर बनाया था।
अपने हाथों से ही जला दोगे॥
हमने मिलकर किये थे जो वादे।
क्या उन्हें खाक मे मिला दोगे॥
तौहमतें हमपे सब लगाऐंगे।
आग को ग़र तुम्हीं हवा दोगे॥
जिसको दरकार हो दुआ की ही।
कौन सी तुम उसे दवा दोगे॥
जिक्र महफिल में जब मेरा होगा।
शर्तिया तुम नजर झुका लोगे॥
खैर अब क्या गिला करूँ तुमसे।
'अंक' अब गौर तुम कहाँ दोगे॥
-अंकित गुप्ता 'अंक'
लाइनपार, मुरादाबाद।
ANKIT GUPTA 'ANK'
shandar.
जवाब देंहटाएं