शनिवार, 5 जनवरी 2019

वरिष्ठ साहित्यकार पुष्पेन्द्र वर्णवाल के निधन पर आयोजित की गई शोक सभा



      दिनांक 5 जनवरी, 2018 को मुरादाबाद  के वरिष्ठ साहित्यकार श्री पुष्पेन्द्र वर्णवाल के आकस्मिक निधन पर, साहित्यिक संस्थाओं - राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, हिन्दी साहित्य संगम, नवचेतना, विजय श्री वेलफेयर सोसायटी, अक्षरा, जायसी साहित्यिक मंच, काव्य सुधा साहित्यिक मंच, हस्ताक्षर, अखिल भारतीय साहित्य परिषद आदि की ओर से, लाइन पर स्थित विश्नोई धर्मशाला में शोक सभा हुई।



       इस अवसर पर उपस्थित स्थानीय साहित्यकारों द्वारा दिवंगत साहित्यकार श्री पुष्पेंद्र वर्णवाल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा गया कि श्री पुष्पेंद्र वर्णवाल एक बड़े रचनाकार तो थे ही, प्रखर इतिहासकार एवं पुरातत्त्ववेत्ता भी थे। उन्होंने अनेक खंडकाव्य, महाकाव्य एवं उपन्यास लिखे तथा हिन्दी साहित्य में विगीत नामक नई विधा का प्रवर्तन भी किया। पुष्पेन्द्र जी के निधन से हिन्दी साहित्य की बहुत बड़ी क्षति हुई है, जिसकी प्रतिपूर्ति संभव नहीं है। अंत में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत  साहित्यकार को श्रद्धांजलि दी  गई।

      इस अवसर पर योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई, रामेश्वर वशिष्ठ, अनिल कांत, योगेन्द्र वर्मा 'व्योम', राजीव 'प्रखर', डॉ० अजय 'अनुपम', डॉ० प्रेमवती उपाध्याय, अशोक विश्नोई, शिशुपाल 'मधुकर', राम सिंह निशंक, डॉ० मनोज रस्तोगी, डॉ० एम० पी० बादल 'जायसी', रघुराज सिंह 'निश्चल' आदि उपस्थित रहे। शोक सभा का संचालन राम सिंह निशंक ने किया।

1 टिप्पणी: