सोमवार, 2 जनवरी 2017

हिन्दी साहित्य संगम ने किया अम्बरीष गर्ग को सम्मानित 

अम्बरीष गर्ग को किया गया सम्मानित 

                दिनाँक 4 दिसम्बर, 2016 को हिन्दी साहित्य संगम के तत्वावधान में आकांक्षा विद्यापीठ इण्टर कॉलेज मिलन विहार, मुरादाबाद में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संस्था के संस्थापक स्वर्गीय श्री राजेंद्र मोहन शर्मा श्रृंग जी की तृतीय पुण्यतिथि पर उनकी पावन स्मृति में मुरादाबाद के वरिष्ठ साहित्यकार श्री अम्बरीष गर्ग जी को 'राजेंद्र मोहन शर्मा श्रृंग स्मृति साहित्य साधक सम्मान' से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें स्मृति चिन्ह, मानपत्र, शॉल, श्रीफल एवं नकद राशि प्रदान की गई। सम्मान की प्रक्रिया के पश्चात कवि-गोष्ठी प्रारम्भ हुई। 



               कवि गोष्ठी में रचनाकारों ने नोटबंदी पर अपना दर्द कविता के माध्यम से व्यक्त किया। योगेन्द्र वर्मा व्योम ने "तन पर, मन पर, पेट पर, पड़ी समय की चोट। दिन भर लाइन में लगे, फिर भी मिले न नोट।। समझ नहीं है आ रहा, आह कहें या वाह। चिढ़ा रही है मुँह हमें, खाते में तनख्वाह।।" जितेन्द्र कुमार जौली ने कहा "हिंसा करनी छोड़ दे, कर तू सबसे प्यार। बातों से है जो मरे, लात उसे मत मार।।

              कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ0 अजय अनुपम ने की मुख्य अतिथि योगेन्द्रपाल सिंह विश्नोई तथा विशिष्ट अतिथि ओंकार सिंह 'ओंकार' रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ राजीव प्रखर द्वारा सरस्वती वन्दना प्रस्तुत करके किया गया। कार्यक्रम का संचालन योगेन्द्र वर्मा व्योम ने किया और कार्यक्रम के अन्त में आभार संस्था के अध्यक्ष रामदत्त द्विवेदी ने व्यक्त किया।

             कार्यक्रम में फक्कड़ मुरादाबादी, के0 पी0 सिंह सरल, योगेन्द्र वर्मा व्योम,  जितेन्द्र कुमार जौली,  हेमा तिवारी भट्ट, अशोक विद्रोही, रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ, अल्पना शर्मा, दीपक मिश्रा, प्रदीप शर्मा, विवेक प्रजापति, डॉ0 मनोज रस्तोगी, ओंकार सिंह ओंकार आदि लोग उपस्थित रहे।

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