शनिवार, 23 जनवरी 2016

ब्रजभूषण सिंह गौतम 'अनुराग' की पुस्तक 'बर्न्स विदिन' का लोकार्पण

ब्रजभूषण सिंह गौतम 'अनुराग' की पुस्तक 'बर्न्स विदिन'  का किया गया लोकार्पण

 आकांक्षा विद्यापीठ के सभागार में डॉ अवनीश सिंह चौहान द्वारा अनूदित वरिष्ठ साहित्यकार श्री ब्रजभूषण सिंह गौतम 'अनुराग' की पुस्तक 'बर्न्स विदिन' 'Burns Within' (हिन्दी कविताओं का अंग्रेजी मेंअनुवाद) का लोकार्पण प्रो आर सी शुक्ला, श्री रमेश चन्द्र शर्मा 'विकट', डॉ ए के गुप्ता, डॉ सुधीर कुमार अरोड़ा, श्री अशोक विश्नोई, डॉ अम्बरीष गर्ग, श्री राजीव सक्सैना, डॉ सत्यवीर सिंह चौहान, श्री हिमांशु यादव एवं श्री योगेन्द्र रस्तौगी ने किया।



ब्रजभूषण सिंह गौतम 'अनुराग' की पुस्तक 'बर्न्स विदिन' का लोकार्पण करते साहित्यकार

कार्यक्रम का शुभारम्भ मां वागेश्वरी के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं डॉ प्रेमवती उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। तत्पश्चात इस कृति के रचनाकार ब्रज भूषण सिंह गौतम 'अनुराग' ने हिन्दी में अपनी दो कविताओं का पाठ किया और अनुवादक डॉ अवनीश सिंह चौहान ने उन्हीं कविताओं का अंग्रेजी अनुवाद प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अंग्रेजी भाषा के वरिष्ठ कवि प्रोफ़ेसर आर सी शुक्ला ने कहा कि अनुवाद एक कठिन प्रक्रिया है, इसलिए अनुवाद किसी मौलिक रचना के सृजन से कहीं अधिक समय, शक्ति और समझ की मांग करता है। इस दृष्टि से डॉ चौहान का यह अनुवाद कार्य उत्कृष्ट एवं सराहनीय है।



कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बरेली से पधारे पूर्व एमएलसी एवं वरिष्ठ साहित्यकार रमेश चन्द्र शर्मा 'विकट' ने कहा कि यह पुस्तक 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना को व्यक्त करती है। अनुवाद होने से देश-दुनिया के पाठकों तक यह बात पहुंचेगी। अतः रचनाकार और अनुवादक दोनों को बहुत-बहुत बधाई। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अंग्रेजी के चर्चित आलोचक एवं कवि डॉ सुधीर कुमार अरोड़ा ने कहा कि डॉ अवनीश चौहान अंग्रेज़ी के लेखकतो हैं ही, हिन्दी साहित्य में भी काफी सक्रिय हैं। यानी कि वह दोनों भाषाओँ का:संस्कार रखते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि उनके द्वारा किया गया यह अनुवाद कार्य महत्वपूर्ण एवं पठनीय है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रोफ़ेसर डॉ ए के गुप्ता ने कहा कि मुरादाबाद में किसी रचनाकार की रचनाओं का अनुवाद पहली बार पुस्तकाकार हुआ है। इसलिए इस पुस्तक ने अपने शहर को गौरवान्वित किया है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं संपादक अशोक विश्नोई ने कहा कि गौतम जी का नाम मुरादाबाद के प्रमुख साहित्यकारों में शुमार हैं। इंटरनेट पर बर्न्स विदिन ब्लॉग (http://burnswithin.blogspot.in/) पर अनुवाद प्रकाशित होने से उन्हें अब विश्वभर में पढ़ा जा रहा है। यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता हिन्दी के चर्चित लेखक एवं आलोचक राजीव सक्सैना ने कहा कि अनुराग जी की रचनाएँ भारतीय जीवन एवं संस्कृति को बड़ी सजगता एवं संवेदनशीलता से उद्घाटित करती है। अब अनूदित रचनाओं के माध्यम से रचनाकार की व्यापक पहचान बन सकती है।

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