शनिवार, 20 दिसंबर 2014

उदय प्रकाश सक्सेना अस्त की ग़ज़ल : बुरे साथ का यह अंजाम

पेशावर कांड पर अभिव्यक्ति

गज़ल

बुरे साथ का यह अंजाम
आँसू बस आँखो के नाम

दहशतगर्दों ने कर डाला
मासूमों का कत्लेआम

बुझा रहे जो घर के दीपक
करिये उनका काम तमाम

आग बुझाना ही हितकर है
अब तो जागे पाक अवाम

सभी थकन छूमन्तर होती
बच्चो संग जब बीते शाम

पाक छोड़ नापाक हरकतें
हिन्द करेगा सदा सलाम

-उदय प्रकाश सक्सेना अस्त
रेलवे स्टेशन कालोनी, मुरादाबाद
सम्पर्क सूत्र- 7060530010

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