सोमवार, 11 मार्च 2013

प्यार पर ही यह टिका संसार है (ग़ज़ल)- सतीश गुप्ता 'फ़िगार'

प्यार पर ही यह टिका संसार है (ग़ज़ल)

सतीश गुप्ता 'फ़िगार'

प्यार पर ही यह टिका संसार है।
प्यार जीवन का सुदृढ़ आधार है॥

बात ये सच है मुझे स्वीकार है।
ज़िंदगी तेरे बिना दुशवार है॥

सच कहूँ तो आपसी विश्वास ही।
सृष्टी के व्यापार का आधार है॥

वह कभी भी हाथ फैलाता नहीं।
है ज़रूरतमंद पर खुद्दार है॥

एक पल को जो कभी रुकती नहीं।
दोस्तो वो वक्त की रफ़्तर है॥

दर्द जिसमें हो न वह दिल, दिल नहीं।
ग़म न हो तो ज़िंदगी बेकार है॥

देश की सबसे बड़ी है त्रासदी।
बिलखता भूख से फ़नकार है॥

हम मिले भी तो भला कैसे मिलें।
बीच मे मन-भेद की दीवार है॥

-सतीश गुप्ता 'फ़िगार'
2/274, बुद्धिविहार, दिल्ली
 रोड, मुरादाबाद (उ.प्र.) 
 SATISH GUPTA FIGAAR

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