ग़जल
न हिन्दू न मुस्लिम न सिख, और न ईसाई की बात करो।
जो दिल से हिन्दुस्तानी है, हर उस भाई की बात करो॥
मन्दिर और मस्जिद की बातें आखिर अब क्यों करते हो।
हर साल हुए घोटालों में पाई पाई की बात करो॥
उस पाँच सितारा होटल के, भोजन से हमको क्या लेना।
अन्ऩ उगाकर भूखा जो, उस किसान भाई की बात करो ॥
यूँ तो जनता के सेवक हैं , ढ़ोंगी खद्दर वाले सब।
हर सेवा के बदले करते, उस उगाई की बात करो॥
नम्बर दो वाली कमाई से, स्विस बैंको को पाटा है,
अगर करना ही है 'तन्हा' तो, उस कमाई की बात करो॥
-अर्जुन सिंह पाल 'तन्हा'
मुरादाबाद
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