सोमवार, 6 फ़रवरी 2017

मतदाता जागरूकता के नाम रही हिन्दी साहित्य संगम की कवि गोष्ठी 

हिन्दी साहित्य संगम की  फरवरी माह की कवि गोष्ठी 

दिनांक 5 फरवरी, 2017 को साहित्यिक संस्था, 'हिन्दी साहित्य संगम' की मासिक काव्य-गोष्ठी, आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज, मिलन विहार, मुरादाबाद में सम्पन्न हुई l
काव्य-गोष्ठी का शुभारम्भ, अतिथियों द्वारा माँ शारदे के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवं  श्री योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' द्वारा प्रस्तुत माँ शारदे की वन्दना से हुआ l



काव्य गोष्ठी में उपस्थित कवियों ने अपने उद्गार कुछ इस प्रकार व्यक्त किया-

जितेन्द्र कुमार "जौली'-
"जिन नेताओं के दिल में,
भरा हुआ है खोट l
उन्हें कभी मत दीजिए,
अपना कीमती वोट"l

राजीव 'प्रखर' -
"आज़ादी के बाद की,
कैसी यह तस्वीर l
कदम-कदम पर बिक रहे,
भारत के रणधीर "l

योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' -
"लोकतंत्र मजबूत हो,
बने अलग पहचान l
जाति-धर्म सब भूलकर,
करें सभी मतदान"l

हेमा तिवारी भट्ट -
"ग्रीष्म, शीत, वर्षा, हेमन्त, 
शिशिर का, मनमोहन कंत,
सखि आया बसंत"l

रामदत्त द्विवेदी -
"पीले-पीले फूलन को,
छत्तर धरायो सिर"l

रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ-
"आई हवा बसंती,
प्रणय-गीत लेकर"l

ओंकार सिंह 'ओंकार'-
"संगठन का काम करती थी सियासत अब मगर,
तोड़ना ही तोड़ना है, जोड़ना कुछ भी नहीं"l

योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई -
"हँसते-हँसते भी आँखों में,
आँसू आ जाते हैं l
रोने वाले भी जीवन का,
सुख पा जाते हैं"l

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई ने की l मुख्य अतिथि श्री ओंकार सिंह 'ओंकार' एवम् विशिष्ट अतिथि श्री रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ रहे l कार्यक्रम का संचालन राजीव 'प्रखर' ने किया l अंत में संस्था के अध्यक्ष, श्री रामदत्त द्विवेदी ने, सभी का आभार व्यक्त किया l

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