रविवार, 1 जनवरी 2012

नववर्ष पर हिन्दी साहित्य संगम की कवि गोष्ठी

नववर्ष पर हिन्दी साहित्य संगम की कवि गोष्ठी

                                  1 जनवरी, 2012 को हिन्दी साहित्य संगम की ओर से गायत्री प्रज्ञा पीठ लाईनपार मुरादाबाद में मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कवि गोष्ठी नववर्ष को समर्पित रही। कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके की गयी।
                                   इस अवसर पर रचनाकारो ने नववर्ष एवं देश के वर्तमान परिपेक्ष्य से सम्बन्धित कविताओ द्वारा अपने हृदय के उद्गार व्यक्त किये।
कार्यक्रम अध्यक्ष- ब्रजभूषण गौतम अनुराग
मुख्य अतिथि-अशोक विश्नोई
सरस्वती वन्दना एवं संचालन- राजेन्द्र मोहन शर्मा श्रृंग
ओंकार सिंह ओंकार ने, "खुशियाँ हजार लायेगा अबके नया बरस। यूँ जगमगाता आयेगा अबके नया बरस॥", योगेँद्र वर्मा व्योम ने,"दो हजार बारह रहे, ऐसा अद्‌भुत वर्ष। रमजानी की झोंपड़ी, में भी बरसे हर्ष॥", अम्बरीश गर्ग ने."सरगम के स्वर है सभी, सुनो खोलकर कान। गाने वाले के लिए, सबके अंक समान॥" जितेन्द्र कुमार जौली ने,"यू पी में जबसे चली, हवा बड़ी ये सर्द। टी ई टी ने कर दिया, सबके सिर में दर्द॥" पढ़ा।
गोष्ठी में योगेंद्र पाल सिंह विश्नोई, अशोक विश्नोई, वीरेन्द्र ब्रजवासी, रामदत्त द्विवेदी, के0के0 सक्सैना आदि ने काव्यपाठ किया।



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