जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान।
हम सब हैं इसकी संतान,
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान।
हिन्दी में देखो कितने,
अखवार निकाले जाते हैं।
हिन्दी फिल्मों वाले भी,
हिन्दी की रोटी खाते हैं॥
हिन्दी को मानो भगवान।
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान॥
हिन्दी का सब लोगों से,
इतना गहरा ये नाता है।
हम हिन्दी के बच्चे हैं,
हिन्दी ही अपनी माता है॥
हिन्दी को दीजै सम्मान।
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान॥
आज दिलों में लोगो के,
हिन्दी का दीप जलाना है।
हिन्दी माँ के चरणो मे,
सबको ही सीस झुकाना है॥
सदा गाइये ये ही गान,
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान॥
-जितेन्द्र कुमार जौली
अम्बेडकर नगर, मुरादाबाद।
Jitendra Kumar Jolly
यह पृष्ठ देखा गया
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें