मंगलवार, 6 सितंबर 2016
गज़ल
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- ज़िया ज़मीर - तुम कोई नूर की बनी हो क्या
- उदय प्रकाश सक्सेना अस्त - बुरे साथ का यह अंजाम
- मोनिका 'मासूम' - रोशनी की इक किरण अंधियार में जिन्दा रही
- सच कहो तुम मुझे भुला दोगे- अंकित गुप्ता 'अंक'
- हुआ टकराव क्यों है?- वीरेन्द्र सिंह 'ब्रजवासी'
- अर्जुन सिंह 'तन्हा' की गजल
- समर्पण- योगेन्द्रपाल सिंह विश्नोई
- हौसले से कदम तो बढ़ा दीजिये- वीरेन्द्र सिंह 'ब्रजवासी'
- प्यार पर ही यह टिका संसार है - सतीश गुप्ता 'फ़िगार'
- गणतंत्रता - डॉ0 ओम आचार्य
- जर्द पत्ते थे - ज़िया ज़मीर
- सतीश सार्थक -तुम कहाँ रह गये (ग़ज़ल)
गीत
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- मनोज 'मनु' - स्वराष्ट्र को नमन सतत
- उत्तर नहीं किसी के पास- अम्बरीष कुमार गर्ग
- भ्रष्ट नेता का सपना- जितेन्द्र कुमार जौली
- गीत-घोड़े गधे महान हुए हैं-कुलदीप शर्मा
- देखिये क्या होगा- रामसिंह निःशंक
- जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान - जितेन्द्र कुमार जौली
- कैसी मजबूरी है - अशोक विश्नोई
- वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी का गीत : रिश्ते रूठ गए रिश्तों से
- राजीव प्रखर का गीत : अपने अंत को मानव ने, खुद ही दावत दे डाली
दोहे
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- श्री शिशुपाल मधुकर के दोहे
- जितेन्द्र कुमार जौली के दोहे
- डॉ0 ओम आचार्य के दोहे
- जितेन्द्र कुमार जौली के दोहे- टी ई टी (T.E.T.)
- रामदत्त द्विवेदी के दोहे
- यू.पी. सक्सेना 'अस्त' के दोहे
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