सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

भ्रष्ट नेता का सपना- जितेन्द्र कुमार जौली

भ्रष्ट नेता का सपना

जितेन्द्र कुमार जौली
ऊपरवाले मुझ पर इतना, कर देना उपकार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥

मैं ना चाहूँ सोना चाँदी, मै ना चाहूँ नोट।
मुझको तो बस दिला दीजिए, जनता के सब वोट॥

वर्षों से जो सपना देखा, हो जाये साकार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥

हार चुनावों में अक्सर मैं, गया कर्ज में डूब।
दौलत की खातिर कर लूँगा, घोटाले मैं खूब॥

फिर खुद हो जायेगी मुझ पर, नोटों की बौछार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥

जनता की दौलत पर मेरी, गढ़ी हुई है आँख।
नौकरियाँ लगवाने को भी, लूँगा मैं दो लाख॥

रोजगार सब पायेंगे अब, मेरे रिश्तेदार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥

-जितेन्द्र कुमार जौली
अम्बेडकर नगर, मुरादाबाद।

Jitendra Kumar Jolly
 

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