रविवार, 4 फ़रवरी 2018

निर्झरिणी पत्रिका के डाॅ० कृष्ण कुमार नाज़ पर केन्द्रित विशेषांक का किया गया लोकार्पण 

     दिनांक 4 फरवरी, 2018 को मुरादाबाद की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था 'हिन्दी साहित्य संगम' के तत्वावधान में "लोकार्पण समारोह एवं काव्य-गोष्ठी" का आयोजन मिलन विहार, मुरादाबाद स्थित आकांक्षा विद्यापीठ इण्टर काॅलेज में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। इसके पश्चात आनन्द कुमार गौरव ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की।



       कार्यक्रम में मुरादाबाद के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ कृष्ण कुमार 'नाज़' के व्यक्तित्व व कृतित्व पर केन्द्रित बरेली से प्रकाशित पत्रिका 'निर्झरिणी' के ताज़ा जनवरी 2018 अंक का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध नवगीतकार डॉ माहेश्वर तिवारी ने की, मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं हिन्दू स्नातकोत्तर महाविद्यालय मुरादाबाद के पूर्व प्राचार्य डॉ रामानंद शर्मा व विशिष्ट अतिथि सुविख्यात हास्य-व्यंग्य कवि डॉ मक्खन मुरादाबादी रहे। कार्यक्रम का संचालन योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' ने किया। आभार अभिव्यक्ति संस्था के अध्यक्ष श्री रामदत्त द्विवेदी ने प्रस्तुत की।

       कार्यक्रम में स्थानीय साहित्यकार सर्वश्री डॉ चन्द्रभान सिंह यादव, अशोक विश्नोई, डॉ अर्चना गुप्ता, डॉ पूनम बंसल, डॉ मनोज रस्तोगी, राजीव प्रखर, जितेन्द्र कुमार जौली, श्रीकृष्ण शुक्ल, के०पी०सरल, अम्बरीष गर्ग, मनोज मनु, मोनिका मासूम, हेमा तिवारी भट्ट, रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ, डॉ प्रदीप रस्तोगी, विनोद भावुक, शरर हसनपुरी, ख्याल मुरादाबादी, प्रशान्त मिश्र, प्रदीप कुमार सिंह, सुमित सिंह आदि उपस्थित रहे।

भोपाल में सम्मानित किए गए योगेन्द्र वर्मा व्योम 

      दिनांक 23 जनवरी, 2018 को मध्य प्रदेश की प्राचीनतम एवं प्रतिष्ठित साहित्य, संगीत व कला को समर्पित संस्था 'अभिनव कला परिषद्' द्वारा भोपाल में आयोजित अपने 55वें वार्षिक समारोह 'कला पर्व-उत्सव गणतंत्र' में गीत-नवगीत तथा समीक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सृजन के लिए योगेन्द्र वर्मा व्योम जी को "अभिनव शब्द शिल्पी अलंकरण" से सम्मानित किया गया। 



        कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, विशिष्ट अतिथि सांसद आलोक संजर व आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे एवं संस्था के संस्थापक महासचिव सुरेश तांतेड़ द्वारा अंगवस्त्र ओढाकर तथा प्रतीकचिन्ह, सम्मानपत्र व श्रीफल भेंट किया गया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में स्वतंत्रता आंदोलन के 90 वर्षों के संघर्ष पर केन्द्रित डॉ रामबल्लभ आचार्य द्वारा लिखित काव्य-रूपक "मुक्ति का महायज्ञ" की साभिनय संगीतमय प्रस्तुति प्रसिद्ध रंगकर्मी मोहन द्विवेदी के निर्देशन में लगभग तीन दर्जन कलाकारों द्वारा भव्य रूप में प्रस्तुत की गई। 

         कार्यक्रम में भोपाल के अनेक साहित्यकार सर्वश्री यतीन्द्रनाथ राही, कृष्ण बक्षी, दिनेश प्रभात, विनोद निगम, शिव कुमार अर्चन, नरेन्द्र दीपक , ज़हीर कुरैशी, मनोज जैन मधुर, डॉ मधु शुक्ला, डॉ संध्या सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कमलेश जैमिनी ने किया।

रविवार, 21 जनवरी 2018

भोपाल में सम्मानित होंगे योगेन्द्र वर्मा व्योम 

अभिनव शब्द शिल्पी सम्मान से किया जाएगा सम्मानित

     हिन्दी साहित्य संगम के अध्यक्ष श्री रामदत्त द्विवेदी जी ने बताया कि 23 जनवरी, 2018 को भोपाल में आयोजित होने वाले अभिनव कला परिषद् के कार्यक्रम में मुरादाबाद के नवगीतकार एवं सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री योगेन्द्र वर्मा व्योम को अभिनव शब्द शिल्पी सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। यह मुरादाबाद शहर के लिए गौरव का विषय है।


       इस सामान की जानकारी संस्था के संयोजक रामवल्लभ आचार्य ने पत्र भेजकर हिन्दी साहित्य संगम के अध्यक्ष को दी है। सम्मान की जानकारी मिलने पर ओंकार सिंह ओंकार, राजीव प्रखर, कृष्ण कुमार नाज़, वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी, विवेक निर्मल, जितेन्द्र कुमार जौली आदि रचनाकारों ने योगेन्द्र वर्मा व्योम जी को बधाई दी।

शनिवार, 20 जनवरी 2018

राकेश चक्र की पुस्तक अपनी धार खुद बनाना का किया गया लोकार्पण

        दिनाँक 14 जनवरी, 2018 को  मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था 'राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति' के तत्वावधान में मकर संक्रान्ति के पावन अवसर पर लाइनपार , मुरादाबाद स्थित विश्नोई धर्मशाला में लोकार्पण समारोह एवं काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। 



        इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ० राकेश चक्र की कृति "धार अपनी खुद बनाना" का लोकार्पण हुआ। डॉ० महेश दिवाकर, श्री शचीन्द्र भटनागर तथा योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' ने कृति के संदर्भ में समीक्षात्मक उदबोधन प्रस्तुत किया। लोकार्पण के पश्चात कवि गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम में उपस्थित कवियों ने सामाजिक, राजनैतिक आदि विषयों पर अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। 

       कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रमेश यादव ने की, मुख्य अतिथि वरिष्ठ गीतकार श्री शचीन्द्र भटनागर तथा विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ० महेश दिवाकर रहे। संचालन कवि श्री राम सिंह निशंक ने किया। इस अवसर पर सर्वश्री अशोक विश्नोई, विवेक निर्मल, राजीव प्रखर, रामदत्त द्विवेदी, रामेश्वर वशिष्ठ, राजेश्वर प्रसाद गहोई, मोनिका मासूम सहित अन्य अनेक स्थानीय साहित्यकार उपस्थित रहे। आभार अभिव्यक्ति संस्था के अध्यक्ष श्री योगेन्द्रपाल सिंह विश्नोई ने प्रस्तुत की।

अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी दिवस पर किया गया आर०सी० शुक्ला को सम्मानित

.....सर्दी भी लिखने लगी, ठिठुरन वाले गीत

हिन्दी साहित्य संगम की काव्य-गोष्ठी में कवियों ने किया काव्यपाठ 

          दिनाँक 7 जनवरी, 2018 को हिन्दी साहित्य संगम के तत्वावधान में  मासिक काव्य-गोष्ठी का आयोजन मिलन विहार, मुरादाबाद स्थित मिलन धर्मशाला में किया गया। कार्यक्रम की  अध्यक्षता श्री योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई ने की, मुख्य अतिथि डॉ. चन्द्रभान सिंह एवम् विशिष्ट अतिथि श्री रमेश यादव 'कृष्ण' रहे। माँ शारदे की वंदना राजीव 'प्रखर' ने प्रस्तुत की, जबकि कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से राजीव 'प्रखर' एवम् जितेन्द्र कुमार 'जौली' द्वारा किया गया l



         जितेन्द्र कुमार 'जौली' ने मोबाइल का महत्त्व बताते हुए सुनाया, "सबका देता साथ है, कोई भी हो जोन। जीवन का इक अंग है, अब मोबाइल फ़ोन।" आवरण अग्रवाल 'श्रेष्ठ' ने "सुस्वागतम्, सुस्वागतम् नववर्ष सुस्वागतम्।" राजीव 'प्रखर' ने "चले गगन से खेलकर, जब वापस दिनमान। बोले, अब से भोर तक, चन्दा तू कप्तान।" सर्वेन्द्र सिंह ने "भूखों को तुम भोजन बाँटो, कपड़े बाँटो नंगों को।
मेरा तिरंगा बोल रहा है, मत काटो मेरे अंगों को।" अटल बागी ने "भीषण गर्जना दहाड़ करें। आओ, सिंहनाद करे।" प्रदीप सिंह 'गुल' ने "माँ तेरे आँचल में, मैंने बचपन संभाला है।" हेमा तिवारी भट्ट ने "नाचती ता थैय्या काल की करताल में। मना रही जश्न पर घिरी हूँ सवाल में।सोच रही हूँ क्या होगा नये साल में ?"

         योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' ने "कुहरे ने जब धूप पर, पाई फिर से जीत। सर्दी भी लिखने लगी, ठिठुरन वाले गीत।" रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ ने "तुम निराशा दो मुझे, विश्वास लेकर क्या करूँगा। जब दीप ही मेरा नहीं, प्रकाश लेकर क्या करूँगा।" रामदत्त द्विवेदी ने "फूल तोड़ जो डाले हमने,  मस्जिद की दीवारों पर। जाने कैसे वे मन्दिर की, मूरत पर चढ़ जाते हैं।"

          इसके अतिरिक्त श्री रमेश यादव 'कृष्ण', डॉ. चन्द्रभान सिंह, श्री योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई आदि ने, विभिन्न सामाजिक विषयों पर रचनाएँ प्रस्तुत की। संस्था के अध्यक्ष श्री रामदत्त द्विवेदी द्वारा कार्यक्रम के अन्त में आभार व्यक्त किया गया।