गुरुवार, 10 नवंबर 2011

रघुराज सिंह निश्चल की काव्यकृति 'हम बालक भोले-भाले हैं' का लोकार्पण

'हम बालक भोले-भाले हैं' का लोकार्पण
रघुराज सिंह निश्चल की काव्यकृति 'हम बालक भोले-भाले हैं' का लोकार्पण
                              दिनाँक 10 नवम्बर, 2011 को काव्य सुधा साहित्यिक मंच की ओर से रघुराज सिंह निश्चल की काव्यकृति 'हम बालक भोले-भाले हैं' का लोकार्पण मिलन विहार मुरादाबाद में किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके की गयी।
कार्यक्रम अध्यक्ष- श्री योगेंद्र पाल सिंह विश्नोई
मुख्य अतिथि- डॉ0 रामानन्द शर्मा
विशिष्ट अतिथि- राजीव सक्सैना
सरस्वती वन्दना- रामसिंह निशंक
संचालन-अम्बरीश गर्ग,
                             कार्यक्रम में माहेश्वर तिवारी, विकास मुरादाबादी, सतीश सार्थक, जितेन्द्र कुमार जौली, मनोज मनु, महेश दिवाकर, अशोक विश्नोई, के0पी सिंह, योगेंद्र वर्मा व्योम, रामदत्त द्विवेदी, उदय प्रकाश सक्सैना 'अस्त', रामेश्वर प्रसाद 'वशिष्ठ', डॉ0 मीना नक़वी, अतुल जौहरी आदि ने काव्यकृति के विषय में अपने विचार व्यक्त किये।

मंगलवार, 8 नवंबर 2011

हिन्दी साहित्य संगम की मासिक कवि गोष्ठी

हिन्दी साहित्य संगम की मासिक कवि गोष्ठी

6 नवम्बर, 2011 को हिन्दी साहित्य संगम की ओर से गायत्री प्रज्ञा पीठ लाईनपार मुरादाबाद  में मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके की गयी।
इस अवसर पर कवियो ने कविताओ द्वारा अपने हृदय के उद्गार व्यक्त किये।
गोष्ठी मेँ डॉ0ओमाचार्य, विकास मुरादाबादी अशोक विश्नोई, रामसिंह निशंक, राजेन्द्र मोहन शर्मा, रघुराज सिंह निश्चल, योगेन्द्र वर्मा व्योम, रामदत्त द्विवेदी, उदय प्रकाश सक्सैना 'अस्त', के0के0 सक्सैना, संयम वत्स मनु, पुष्पेन्द्र वर्णवाल आदि ने काव्यपाठ किया।

गुरुवार, 3 नवंबर 2011

श्री जितेन्द्र कुमार जौली

परिचय - श्री जितेन्द्र कुमार जौली

नाम: जितेन्द्र कुमार
उपनाम : जौली
श्री जितेन्द्र कुमार जौली
जन्मतिथि : 14 सितम्बर, 1987
जन्म स्थान : ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद (उ0प्र0)
पिता का नाम : स्व0 श्री जयराम सिंह
माता का नाम : श्रीमती कान्ता देवी
पत्नी का नाम : श्रीमती रजनी
शिक्षा : काव्य निपुण(मानद उपाधि), बी0बी0ए0, एम0एड0, एम0कॉम0,
एम0ए0 हिन्दी*, नेट शिक्षाशास्त्र, नेट वाणिज्य, नेट प्रबंध(मैनेजमेंट), डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन, सी0टी0ई0टी0, यू0पी0टी0ई0टी0
अभिरूचि (हॉबी) : लेखन, मिमिक्री, अभिनय, नृत्य एवं सिक्के इकट्ठे करना
लेखन की विधाएँ : हास्य कविताएँ, मुक्तक, गीत, व्यंग्य, कुण्डलिया, दोहे, पत्र-लेखन, सम्पादन,
प्रकाशित कृति : हमारे महापुरुष  (जीवनी संग्रह)
लिखित कृतियाँ : कवियों का लाइसेंस, झगड़ा करना गन्दी बात
सम्पादन : साहित्य सत्कार एवं साहित्य मुरादाबाद इन्टरनेट पत्रिका, (सागर और ज्वाला, संयुक्त आवास एवं आज की ग़र्ज के सम्पादन में सहयोग)
प्रकाशन : अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित, अमर उजाला, हिन्दुस्तान एवं दैनिक जागरण मुरादाबाद में 60 से अधिक पत्र प्रकाशित
सम्मान : राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति द्वारा 'सारस्वत सम्मान', दैनिक जागरण मुरादाबाद द्वारा काव्य पाठ प्रतियोगिता में सम्मानित, सरस्वती परिवार द्वारा 'काव्य कला सम्मान' एवं 'काव्य निपुण' की मानद उपाधि, विधान केसरी द्वारा 'शब्द सृजन सम्मान', हिन्दी साहित्य संगम द्वारा 'सारस्वत सम्मान', मधुकर स्मृति ट्रस्ट द्वारा 'हिन्दी-उर्दू एकता सम्मान', ब्लाक संसाधन केन्द्र, मूंढापाण्डे द्वारा 'आदर्श प्रशिक्षु शिक्षक सम्मान', भारत रक्षा सेना सहित अनेक साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित
फिल्मी सफर (VCD) : यारा ढोल बजाके- लेखनएवं अभिनय, इंसाफ की आवाज- गीतकार, डम डमाडम डमरू वाले- नृत्य
सम्बद्धता : राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री- अखिल भारतीय अम्बेडकर युवक संघ (रजि0), महासचिव- हिन्दी साहित्य संगम, जिला उपाध्यक्ष-  एस.सी./एस.टी. बेसिक टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन जनपद मुरादाबाद, संयोजक- उत्कर्ष प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजन समिति, सम्पादक- साहित्य सत्कार 
(इन्टरनेट पत्रिका), साहित्य मुरादाबाद
(इन्टरनेट पत्रिका)
पता : अम्बेडकर नगर, दिल्ली रोड, गांगन का पुल, पोस्ट लांकड़ी फाजलपुर, जिला मुरादाबाद 244001 (उ0प्र0) भारत
सम्पर्क : 935885432,
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Updated on 29 June, 2017

भ्रष्ट नेता का सपना

ऊपरवाले मुझ पर इतना, कर देना उपकार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥

मैं ना चाहूँ सोना चाँदी, मै ना चाहूँ नोट।
मुझको तो बस दिला दीजिए, जनता के सब वोट॥

वर्षों से जो सपना देखा, हो जाये साकार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥

हार चुनावों में अक्सर मैं, गया कर्ज में डूब।
दौलत की खातिर कर लूँगा, घोटाले मैं खूब॥

फिर खुद हो जायेगी मुझ पर, नोटों की बौछार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥

जनता की दौलत पर मेरी, गढ़ी हुई है आँख।
नौकरियाँ लगवाने को भी, लूँगा मैं दो लाख॥

रोजगार सब पायेंगे अब, मेरे रिश्तेदार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥

-जितेन्द्र कुमार जौली




दोहे

बेकारी के दौर में, पढ़ा-लिखा पछताय।
अब तो अनपढ़ आदमी, इन्टरनेट चलाय॥

जो अच्छा इंसान है, आता सबके काम।
वो ही मेरा कृष्ण है, वो ही मेरा राम॥

हिंसा करनी छोड़ दे, कर तू सबसे प्यार।
बातों से है जो मरे, लात उसे मत मार॥

तुम अपने माँ-बाप का, करो सदा सम्मान।
इनमें ही बसते सदा, दुनिया के भगवान॥
-जितेन्द्र कुमार जौली



टी0ई0टी0 (दोहे)

यूपी मे जबसे चली, हवा बड़ी ये सर्द।
टी ई टी ने कर दिया, सबके सिर में दर्द॥

टी ई टी कानून की, पड़ी कई पर मार।
हाईकोर्ट दिखा दिया, इसने हमको यार॥

जो शिक्षण के काम को, समझ रहे थे खेल।
टी ई टी मे हो गये, अच्छे अच्छे फेल॥

नित नये हैं दिख रहे, इसमे सबको खोट।
टी ई टी पर हो गये, खर्च बहुत ही नोट॥

टी ई टी उपहार है, टी ई टी वरदान।
कठिन परिश्रम जो करे, देती उसको मान।

-जितेन्द्र कुमार जौली



जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान

मेरा भारत देश महान,
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान।
हम सब हैं इसकी संतान,
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान।

हिन्दी में देखो कितने,
अखवार निकाले जाते हैं।
हिन्दी फिल्मों वाले भी,
हिन्दी की रोटी खाते हैं॥

हिन्दी को मानो भगवान।
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान॥

हिन्दी का सब लोगों से,
इतना गहरा ये नाता है।
हम हिन्दी के बच्चे हैं,
हिन्दी ही अपनी माता है॥

हिन्दी को दीजै सम्मान।
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान॥

आज दिलों में लोगो के,
हिन्दी का दीप जलाना है।
हिन्दी माँ के चरणो मे,
सबको ही सीस झुकाना है॥

सदा गाइये ये ही गान,
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान॥

-जितेन्द्र कुमार जौली
Jitendra Kumar Jolly